केजरीवाल के लिए अब कितना मुश्किल होगा आम आदमी बन कर रह पाना?

केजरीवाल के लिए अब कितना मुश्किल होगा ‘आम आदमी’ बन कर रह पाना?

अभी अभी जमानत पर जेल से छूटे अरविन्द केजरीवाल अब इन्साफ पाने के लिए जनता की अदालत में जाने वाले हैं और वो चाहते हैं की दिल्ली वाले उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे! अरविन्द केजरीवाल के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं की वो अब आम आदमी पार्टी में नाम भर के कार्यकर्ता रह […]

अभी अभी जमानत पर जेल से छूटे अरविन्द केजरीवाल अब इन्साफ पाने के लिए जनता की अदालत में जाने वाले हैं और वो चाहते हैं की दिल्ली वाले उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे!

अरविन्द केजरीवाल के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं की वो अब आम आदमी पार्टी में नाम भर के कार्यकर्ता रह गए हैं भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना उनकी छबि पे एक धब्बा मात्र हैं तब तक जब तक वो अदालत से बेकसूर होकर निकल नहीं जाते!

अरविन्द केजरीवाल को फिलहाल कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गयी है लेकिन आगे भी उनको अदालत पे पेशी लगानी ही होगी – लेकिन अब वो जनता की अदालत में इन्साफ की मांग को लेके जाने वाले है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब उनको अपने आवास को छोड़ना पर सकता हैं! आम आदमी पार्टी के राज्य सभा संसद संजय सिंह ने बताया की उन्होंने बाकी साड़ी सुविधाओं से तौबा करने का मन बना लिया है – लेकिन क्या ये सब इतना आसान रहेगा अरविन्द केजरीवाल जी के लिए ? क्या वो अब पहले वाले साफ़ सुथरी छवि वाले अरविन्द केजरीवाल बन पाएंगे? और अगर वो अब कोशिश भी करते हैं तो क्या दिल्ली की जनता अब उनको मंजूर करेगी ?

BJP ने संजय सिंह की इस कथन को एक नौटंकी मात्र बताया है दिल्ली BJP के अध्यक्ष वीरेंदर सचदेवा ने व्यंग करते हुए कहा की अरविन्द केजरीवाल अब नीली वैगनार में दिखेंगे, और उनकी पटना वापिस से सब्जी बेचते हुए नजर आएगी!


संजय सिंह की माने तो अरविन्द केजरीवाल इसी हफ्ते में अपना सरकारी बांग्ला खाली कर देंग। संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया है की दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनको जो भी सुविधाएं अभी तक मिल रही थी वो साड़ी चीज़ों का अरविन्द केजरीवाल जी एक हफ्ते में त्याग कर देंगे!

सरकारी बंगला खाली करने के बाद अरविन्द केजरीवाल को अब कौन सा बांग्ला आल्लोट किया जायेगा इसकी पुस्टि नहीं की गयी है!
लेकिन उनका कहना है की इतने सम्मानित नेता को जनता के आशीर्वाद से एक बेहतर आवास मिल ही जाएग।

संजय सिंह ने बताया की अरविन्द केजरीवाल बहुत जल्दी जनता अदालत में जाएंगे, और लोगो से ईमानदारी का सर्टिफिकेट मांगेंग। उन्हें लगता है की दिल्ली की जनता उनको ईमानदार साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, मौका देख के संजय सिंह जी ने पूछ ही लिया की क्या दिल्ली वाले केजरीवाल के बिना एक बेहतर दिल्ली की कामना कर सकते हैं क्या ?

जेल जाने से पहले अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों खुद को कट्टर ईमानदार बताते रहे हैं लेकिन मौजूदा हालत में अरविन्द केजरीवाल जी को जनता के सर्टिफिकेट की जरुरत आ पारी है!
दिल्ली के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी कुछ समय तक अरविन्द केजरीवाल अपने उसी नीली वैगनार से चलते थे, गले में मुफ्फ़्लोर होता था, उनकी खासी को लेके भी काफी मिमिक्री बनायीं जाती थी, हलाकि उनकी जीव के ऑपरेशन के बाद उन्हें इस बीमारी से निजात मिली थी! जेल में रहने के दौरान भी उनको बीमारी में इन्सुलिन न देने की वजह से काफी बावला हुआ था

एक वो भी दौर था जब केजरीवाल जी ने किसी भी प्रकार के सुख सुविधाओं के लिए साफ़ मना किया करते थे! एक समय था जब उन्होंने अपने सिक्योरिटी लेने से भी मना कर दीया था! मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह से उनके सुरक्षा को लेके भी चिंता व्यक्त किया

मना जा रहा है की अब उनकी Z + सिक्योरिटी भी उनके पास नहीं रहेगी! हलाकि ये फैसला सुरक्षा एजेंसीज का है! एक समय था जब अरविन्द केजरीवाल जी ने सरकारी बांग्ला तक को मना कर दिया था पर बाद में देखने को मिला की उनके बंगले के रेंनोवशन के बाद उनके बंगले को सीष महल की उपाधि दी गयी! इस प्रक्रिया की भी अभी जांच चल रही है!

लोकसभा चुनाव के दौरान उनपे एक और इल्जाम लगा की राज्य सभा संसद स्वाति मालीवाल पर उन्होंने अपने आवास पर हुम्ला करवाया था इस आरोप के बाद मुख्या आरोपी बिभव कुमार को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया था! पर अभी वो जमानत पर बाहर आ चुके हैं!

संजय सिंह ने ये भी याद दिलाया की मुख्यमंत्री रहते हुए भी अरविन्द केजरीवाल पे काफी बार हुम्ला हो चूका है उन्हें दर है की ऐसा फिरसे न दोहराया जाए इसके लिए उन्होंने इस्वर से प्रार्थना भी किया!

आम आदमी होना, आम आदमी बनना और आम आदमी बने रहना बिलकुल अलग अलग चीजें हैं – और अरविंद केजरीवाल के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती भी यही है, क्योंकि भ्रष्टाचार और लोकपाल जैसी चीजें तो वो पहले ही भुला चुके हैं, आम आदमी की जिंदगी कैसी होती है, भला कहां से याद होगा.

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