जयंत चौधरी भीड़ के सामने खड़े होकर हुनर और वादे की बातें कर रहे थे। मंच पर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार और राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के बीच तीखी बहस चल रही थी। उनके शब्द तीखे और जरूरी थे। माहौल में तनाव की स्थिति थी। तभी मंच संचालक की आवाज ने इस उलझन को दूर करते हुए माफी मांगी।
उन्होंने संबोधन के दौरान मंत्रियों को बुलाने में गलती स्वीकार की। यह एक साधारण सी गलती थी, लेकिन यह बात हवा में भारी पड़ गई। रविवार को मंच पर दोनों मंत्रियों के बीच हुई बातचीत इंटरनेट पर खूब चर्चा में रही। शनिवार को बधाई कलां आईटीआई का उद्घाटन हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी थे। उनके पीछे कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार और राज्य मंत्री की तस्वीरें थीं। फिर भी आईटीआई भवन की पट्टिका पर सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री जयंत चौधरी और राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के नाम ही अंकित थे। जिस नाम पर पट्टिका नहीं थी, उसे पसंद नहीं किया गया। कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार इससे खुश नहीं थे। उनका नाम पट्टिका से गायब था और वक्ताओं का क्रम गड़बड़ा गया था।
एवीपीएल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक दीप कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे। उन्होंने सबसे पहले मंत्री अनिल कुमार को बोलने के लिए बुलाया। इसके बाद राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल आए और फिर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी। माहौल में अव्यवस्था फैल गई और अनिल कुमार को इसका बोझ महसूस हुआ।
जयंत मंच पर चढ़े। बहस शुरू हुई। जयंत चौधरी बोले। मंच पर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के बीच विवाद हो गया। वे प्रोटोकॉल को लेकर बहस कर रहे थे। अग्रवाल ने असंतोष जताते हुए संचालक दीप की ओर इशारा किया। उस क्षण तक दोनों मंत्री एक-दूसरे के करीब बैठे थे। फिर अनिल कुमार उठे और दूरी बनाए रखते हुए दूर चले गए। जयंत चौधरी के बोलने के बाद संचालक दीप ने माइक्रोफोन संभाल लिया। उन्होंने कहा कि संबोधन के दौरान मंत्रियों को बुलाने में गलती हुई है। उन्होंने इसके लिए माफी मांगी।