‘हवाना सिंड्रोम’ को रूसी खुफिया जासूसी से जोड़ा गया: रिपोर्ट

‘Havana Syndrome’ linked to Russian intelligence: report

2016 में ‘हवाना सिंड्रोम’ की पहली रिपोर्ट आई जब संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूतों ने क्यूबा की राजधानी में अचानक बीमार पड़ने और रात में तेज ध्वनियों की सुनाई देने की शिकायत की, जिससे एक विदेशी संगठन द्वारा हमला किया जाने की संदेह उत्पन्न हुआ।

हाल ही में रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के राजदूतों द्वारा हाल में अनुभवित रहस्यमय ‘हवाना सिंड्रोम’ के लक्षणों का रूसी खुफिया जासूसी से संबंध बताया गया है, जो एक संयुक्त मीडिया जांच में 1 अप्रैल को जारी किया गया।

हवाना सिंड्रोम का मतलब

‘हवाना सिंड्रोम’ एक अनजाने रोग के लक्षण हैं जो अमेरिकी डिप्लोमैट्स और उनके परिवारों द्वारा महसूस किया जाता है। इन लक्षणों में सिरदर्द, दर्द, चक्कर आना, उलझन, शरीर में अचानक गर्मी या ठंडा हो जाना, अत्यधिक थकान आदि शामिल हो सकते हैं।

रूसी खुफिया जासूसी के साथ जुड़ा रहस्यमय सिंड्रोम

यह रिपोर्ट के अनुसार, यह सिंड्रोम एक रूसी खुफिया जासूसी इकाई से जुड़ा है, जो अमेरिका के विदेशी अधिकारियों और डिप्लोमैट्स को निशाना बनाती है। इस खुफिया जासूसी इकाई का उद्देश्य विदेशी अधिकारियों को बीमार करके उनकी कार्यक्षमता को कमजोर करना है, जिससे वे अपने देश के बारे में गुप्त सूचना न बांट सकें।

इस रूसी खुफिया जासूसी इकाई का पता लगाने के लिए अमेरिकी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय गवर्नमेंट एजेंसियों ने कई जांच की है। यह जांचें साबित करती हैं कि इस सिंड्रोम का प्रकोप विशेष रूप से रूस के सैन्य और खुफिया तंत्रों के साथ जुड़ा है।

महत्वपूर्ण तथ्य और अध्ययन

एक अध्ययन के अनुसार, विदेशी अधिकारियों और डिप्लोमैट्स के मध्य यह सिंड्रोम अधिकतर आधुनिक तकनीकी साधनों के इस्तेमाल के दौरान होता है, जैसे कि सेल्फोन, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। इस अध्ययन के अनुसार, रूसी खुफिया जासूसी इकाई ने इन उपकरणों को हैक किया है और उनमें अद्यतन किए गए तकनीकी उपायों का उपयोग करके इस सिंड्रोम को उत्पन्न किया है।

समाप्ति

इस तरह, यह रिपोर्ट साबित करती है कि ‘हवाना सिंड्रोम’ एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के साथ-साथ एक विदेशी खुफिया जासूसी की चुनौती है। यह रूसी खुफिया जासूसी इकाई द्वारा एक नया स्तर और डिजिटल अद्यतन तकनीकों का उपयोग करके एक नई धारा को जन्म देने के लिए भी चिंता का विषय है। अमेरिका और अन्य देशों को इस चुनौती का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है ताकि यह तकनीकी खतरा समाप्त हो सके और विदेशी अधिकारियों का सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘हवाना सिंड्रोम’ के अंदर दर्जनों अमेरिकी डिप्लोमैट्स और उनके परिवार के सदस्यों को प्रभावित किया गया है, जिन्हें क्यूबा में स्थानांतरित किया गया था। इन लोगों ने विभिन्न लक्षण अनुभव किए, जैसे चक्कर आना, चिंगारी की ध्वनि सुनाई देना, और सिर में दर्द का अनुभव किया। यह सिंड्रोम इतने गंभीर है कि कई लोगों को इसके परिणामस्वरूप हीरोन का इलाज करने की आवश्यकता पड़ी है।

इस विचार को लेकर, अन्य देशों के साथ साझा किए गए जानकारों के अनुसार, इस सिंड्रोम का एक संभावित कारण रूस के खुफिया जासूसी इकाई द्वारा विकसित एक नया तकनीकी हमला हो सकता है। इस तरह का हमला विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता है, जैसे कि सेल्फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस। इन डिवाइसेज को हैक किया जाता है और उन्हें ऐसे संकेतों का संदेश भेजा जाता है जो इन लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

यह रिपोर्ट गंभीर संदेश देती है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकत्र करके साथ मिलकर इस खतरे का सामना करने की आवश्यकता है। यह नया रूप डिजिटल जासूसी का उपयोग करके विदेशी अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है, जो अब एक नया संदेश है कि उन्हें सुरक्षित रहने के लिए अपने तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है।

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