Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीबीआई और ईडी के आरोप लगे थे। हाल ही में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली और वे तिहाड़ जेल से बाहर आए। एक दिन बाद उन्होंने दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बयान दिया: वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। आज आप विधायक दल की बैठक के बाद दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम का खुलासा होगा। अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया उनकी जगह नहीं लेंगे। इससे दिल्ली की राजनीति पर नजर रखने वालों के बीच सवाल उठने लगे। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? यह साफ था कि अगला मुख्यमंत्री केजरीवाल का कोई करीबी ही होगा। दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री क्यों मायने रखता है? दिल्ली में चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती है। उन्हें इस साल की शुरुआत में बजट में किए गए वादे को पूरा करना होगा। सरकार ने दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन फिर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया और अब वह वादा अधर में लटक गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। फिर भी, वह सचिवालय नहीं लौट सके। शर्तों ने उन्हें बांध दिया। हालांकि वह मुख्यमंत्री बने रहे, लेकिन वह किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते थे। वह कोई निर्णय नहीं ले सकते थे। उनकी परेशानियां और बढ़ गईं।
अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक खेल में अपनी चाल चली। वह दृढ़ रहे, उनकी आंखें स्थिर थीं और वह एक ऐसे व्यक्ति की तरह दृढ़ विश्वास के साथ बोले जो अपने विकल्पों का महत्व जानता था। भीड़ देख रही थी, कुछ आशावान, अन्य संदेहवादी। उनका दृष्टिकोण स्पष्ट और अटल था, भोर के क्षितिज की तरह। उस क्षण में, वह नेता और चुनौती देने वाले दोनों थे, जो आगे आने वाली किसी भी चीज का सामना करने के लिए तैयार थे।
इस समय, जब चुनाव आ रहे हैं, दिल्ली में एक मुख्यमंत्री के लिए कार्य करना आवश्यक है। केवल वह ही कैबिनेट को बुला सकता है। इसलिए, अरविंद केजरीवाल ने पद छोड़ दिया है। यह राजनीति के खेल में एक चाल है। वह जिसे भी नियुक्त करेंगे, उसका एक स्पष्ट कार्य होगा: महिलाओं को एक हजार रुपये देने का वादा पूरा करना।
उपराज्यपाल से मुलाकात साढ़े चार बजे तय है। सोमवार को पीएसी की बैठक से पहले अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात का समय मांगा। एलजी ने उन्हें दोपहर साढ़े चार बजे मिलने का समय दिया। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके बाद आप विधायक दल की बैठक होगी। इसके बाद केजरीवाल राजनीतिक खेल में अपनी अंतिम चाल चलेंगे और दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे। दिल्ली का नेतृत्व कौन करेगा? इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन केजरीवाल के मंत्रियों में आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और गोपाल राय का नाम सबसे ऊपर है। विधायक राखी बिड़लान और विधायक कुलदीप कुमार का भी नाम इस पद के लिए चर्चा में है। अटकलों का बाजार गर्म है। ऐसी चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाकर जोखिम उठा सकते हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के कदम से उन पर भाजपा की ओर से भाई-भतीजावाद के आरोप लगने की संभावना बढ़ जाएगी। इस वजह से सुनीता को इस पद के लिए सबसे कम संभावित विकल्प माना जा रहा है।
AAP ने PAC की बैठक बुलाई
16 सितंबर को अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी की पीएसी की बैठक हुई। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आए थे, साथ ही पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी थे। मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। उस कमरे में केजरीवाल ने नेताओं से चुपचाप बात की कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। हवा में इस फैसले का बोझ था।